Friday, December 18, 2009

१५ साल का आजाद उम्र के उस दौर में था जब लड़के बचपन से बाहर आ चुके होते हैं और जवानी की देहलीज़ पर पैर रखने वाले होते हैं , जब लड़के आईने के सामने खड़े होकर अपनी मूछ और दाढ़ी के घने होने का इंतज़ार कर रहे होते हैं। आजाद के भीतर भी ये सभी biological तब्दीलियाँ हो रहीं थी उसकी रोयें दार मूछें अब दिखने लगीं थीं। आजाद चीज़ों को बहुत गौर से देखता था, इतने गौर से के वो उन्हें हूबहू कागज पे उतार सकता था। आजाद painting और drawing competitions में हमेशा number one रहता था । daltongang ke ek सरकारी स्कूल में १० वीं में पढने वाला आजाद कबड्डी का उस्ताद खिलाडी था , पलक झपकते वो बाज़ी पलट सकता था। आजाद जिस कालोनी में रहता था वहां उसी कि उम्र के और कई लड़के भी रहते थे। आजाद के पिता एक सरकारी कंपनी में मुलाजिम थे और कालोनी में रहने वाले सभी परिवार लगभग बराबर economic status के थे.

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