Tuesday, May 19, 2009

chor bahut husiyaar bahut chaalaak chatur


जल्दी पकडो
इक चोर घुसा है
गाँव में अपने
गली मोहल्ले के रस्ते से
छुप छुप कर,
घेर लो saari सड़कें झट से
हर टहनी
हर पेड़ पे चढ़ के
सब देखो .........

पलक झपकते गायब हो जाता है
लड़का
चोर बहुत हुसियार
बहुत चालाक चतुर,
फैला दो सब रस्सी
जालें
चेक करो सारे ताले
मजबूती से ......

भीड़ भाड़ में छुप जाएगा
अलग अलग
चौकन्ना होकर
सब ढूंढो
शैतान दिखा है नुक्कड़ पे ..............

रेत खोद कर सो jaataa hai 
subah subah ghum ho jaataa hai
dhoop se aankhmichauli khele
चाँद पे चढ़ के fir aataa hai ........

शाम गुजर जाने से पहले
फिर सियार  wo बन जाता है 
गौर से सुनना रातों में  wo 
ज़ोर ज़ोर चिल्लाता है .......

जल्दी जल्दी भाग के ढूंढो
रातों को सब जाग के ढूंढो
छोड़ छाड़ कर खेल खिलोने
गोली छर्रे दाग के ढूंढो.........

कैसा है वो चोर बता दो
करके सबको शोर बता दो
बित्ते भर का है
या लंबा
मोटा तगडा है
या खम्भा
आँख बड़ी है या छोटी है
पैर है या
कोई पहिया है
कभी यहाँ है
कभी वहाँ है
पल भर में इस टीले पर है
पल भर में उस टीले पर है

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