Saturday, May 16, 2009

बहुत चालाक चतुर

जल्दी पकडो
इक चोर घुसा है
गाँव में अपने
गली मोहल्ले के रस्ते से
छुप छुप कर,
घेर लो साड़ी सड़कें झट से
हर टहनी
हर पेड़ पे चढ़ के
सब देखो .........

पलक झपकते गायब हो जाता है
लड़का
चोर बहुत हुसियार
बहुत चालाक चतुर,
फैला दो सब रस्सी
जालें
चेक करो सारे ताले
मजबूती से ......

भीड़ भाड़ में छुप जाएगा
अलग अलग
चौकन्ना होकर
सब ढूंढो
शैतान दिखा है नुक्कड़ पे ..............

रेत खोद कर सोता है वो
हवा में कपड़े धोता है वो
सूरज से बतियाता है वो
चाँद पे चढ़ के आता है वो .....

शाम गुजर जाने से पहले
फिर सियार बन जाता है वो
गौर से सुनना रातों में फ़िर
ज़ोर ज़ोर चिल्लाता है वो .......

जल्दी जल्दी भाग के ढूंढो
रातों को सब जाग के ढूंढो
छोड़ छाड़ कर खेल खिलोने
गोली छर्रे दाग के ढूंढो.........

कैसा है वो चोर बता दो
करके सबको शोर बता दो
बित्ते भर का है
या लंबा
मोटा तगडा है
या खम्भा
आँख बड़ी है या छोटी है
पैर है या
कोई पहिया है
कभी यहाँ है
कभी वहाँ है
पल भर में इस टीले पर है
पल भर में उस टीले पर है

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